अजीत कुमार
लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभाग में आयोजित
“युवाओं के प्रेरणा स्रोत, युवा वर्ग के आदर्श योद्धा स्वामी विवेकानन्द जी” की
स्मृति में युवा-सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें “सफल युवा, सशक्त भारत” विषयक
व्याख्यान पर चर्चा हुई| इस सम्मेलन का आयोजन विवेकानन्द केन्द्र, कन्याकुमारी
शाखा- लखनऊ द्वारा किया गया। इस सम्मेलन में कन्याकुमारी से आयी वक्ता बहन निवेदिता ने
विवेकानन्द जी की जीवन शैली, विवेकानन्द स्मारक के बारे में विस्तृत जानकारी दी
एवं बताया कि सफल युवा के क्या गुण होने चाहिए, अच्छी सोंच, देशभक्ति,
आत्मविश्वास, सकारात्मक सोंच, समर्पण भाव आदि के साथ युवा को आगे आकर अपने राष्ट्र
को एक समृद्ध राष्ट्र की संज्ञा दे सकते हैं| इन अवसर पर राष्ट्रीय युवा पुरस्कार
विजेता अजीत कुशवाहा ने युवाओं को बताया कि हम युवा धैर्य, आत्मविश्वास, साहस,
सामाजिकता और निष्ठा के द्वारा ही अपने राष्ट्र एवं समाज को सफल व सशक्त बना सकते
है क्योंकि
युवा ही क्रांति को सूत्रपात करने में सक्षम है। पूर्व में जितने भी क्रांतियाँ
हुई है चाहे वह राजनैतिक हो सामाजिक, आर्थिक हो आध्यात्मिक इनमें युवाओं की
भूमिका महत्वपूर्ण रही है। शिक्षाशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डा० मंजू बाला ने
अपने वक्तव्य में बताया कि एक युवा संयासी के रूप में भारतीय संस्कृति की सुगंध विदेशों में
बिखरने वाले, साहित्य
दर्शन और इतिहास के प्रकांड विद्वान अपनी ओज पूर्ण वाणी से लोगों के दिल को छू
लेने वाले स्वामी विवेकानंद जी निःसंदेह विश्व गुरु थे | उनका
मानना था कि नौजवान पीढ़ी अगर अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल देश की तरक्की में करें तो
राष्ट्र को एक नये मुकाम तक पहुचाया जा सकता है इस कार्यक्रम में लखनऊ विश्वविद्यालय की हिंदी विभाग की डा०
अल्का ने संक्षिप्त में युवा सन्देश देकर कार्यक्रम की समीक्षा की| इस अवसर पर विवेकानन्द केन्द्र, कन्याकुमारी शाखा- लखनऊ के समन्वयक
अश्वनी राय, शिवपूजन सिंह, आयुष जायसवाल, प्रशान्त मिश्र सहित विश्वविद्यालय के कई
विभागों के शिक्षको के साथ-साथ अन्य महाविद्यालयों जे०एन०पी०जी० कॉलेज, नेशनल
कॉलेज, गुरुनानक, नवयुग कॉलेज के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे|
No comments:
Post a Comment