Friday, 13 February 2015

युवा में व्यक्तित्व का विकास



अजीत कुमार (राष्ट्रीय युवा पुरस्कार विजेता)


व्यक्तित्व निर्माण का सर्वोत्तम गुण सेवाभावी होना है। बिना सेवा के मानव जीवन को व्यर्थ बताया गया है। सेवा अर्थात विश्वहित में अपनी समस्त उपलब्धियों (समय, श्रम, ज्ञान, प्रतिभा धन आदि श्रेष्ठ गुणों) को लगाना, जिससे दु:ख, पीड़ा-पतन, अभाव रोग शोक से ग्रसित समुदाय को राहत मिल सके। सेवाभाव युवाओं का स्वाभाविक गुण है, किसी भी सार्वजनिक आयोजनों में श्रममूलक कार्य युवा ही करता है। इससे जहाँ आपको आत्मिक शांति मिलती है वहीं सामने वाला हृदय से शुभकामना देता है। बड़ो का यह आशीर्वाद आपके व्यक्तित्व को निखारता है। अत: हर क्षण सेवा का अवसर तलासें, आप से जो निःस्वार्थ सहयोग हो सके प्रदान करें, कभी पीछे न हटें। सेवा कार्य के लिये किसी की प्रतीक्षा की आवश्यकता नहीं आप चाहें तो हर क्षण, हर जगह सेवा का अवसर खुला है। देखना यह है कि आपकी अपनी रूचि किस तरह की सेवा कार्य के लिये है। नजर दौड़ाकर देखेंगे तो अपने आसपास ही ढेरों कार्य दिख पड़ेंगे। इस प्रकार यदि आज का युवा वर्ग सेवाभाव को अपना स्वभाव का अंग बना ले तो हमारे राष्ट्र को सुखी राष्ट्र बनने से कोई नहीं रोक सकता। 

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