Saturday, 3 October 2015

 भारत सरकार के खेल मंत्रालय की ओर से चीन में अगस्त में आयोजित युवा एक्सचेंज 2015 समारोह के तहत 200 भारतीय युवाओं ने 20 से 27 अगस्त तक चीन के कई शहरों का भ्रमण कर वहां की कार्यप्रणाली, साहित्य, संस्कृति आदि से रूबरू हुए। इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के सभ्याचार, अर्थव्यवस्था, परंपरा, संस्कृति और युवा लोगों की सोच के प्रति आपसी समझ मज़बूत करना था। युवा एक्सचेंज 2015 समारोह का आयोजन भारत सरकार के खेल मंत्रालय और चीन के ऑल चाईना यूथ लीग ने मिलकर किया।
इस 8 दिवसीय यात्रा के दौरान भारत सरकार खेल मंत्रालय के सचिव राजीव गुप्ता के नेतृत्व में भारत के विभिन्न प्रांतों से आए 200 युवाओं ने दो अलग-अलग ग्रुपों में चीन के पेइचिंग, हांगचो, शांगहाई, शीआन और क्वांगचो शहरों का सघण भ्रमण किया। इस दौरान उन्हें वहां की लाइफ स्टाइल, वर्किंग शैली, साफ-सफाई, शिक्षा, महिला सशक्तीकरण, कॉलेज स्कूल में शिक्षा प्रणाली आदि के बारे में जानकारी दी गई। युवाओं ने अनेक शहरों के विभिन्न यूनिवर्सिटी, ऐतिहासिक स्थलों, बड़ी-बड़ी कंपनियां, वॉलंटियर केंद्रों, उद्योग व कारखाने, ख्याति प्राप्त पयर्टन स्थल आदि देखा और व्यापक जानकारियां हासिल कीं। प्रतिनिधि दल में शामिल ज्यादातर सभी युवाओं का कहना था कि चीन आकर उन पर चीनी संस्कृति और चीनी समाज की गहरी छाप पड़ी है।
युवा दल में शामिल अंकुर कंठ ने बताया कि चीन के तेजी से विकास करने का एक महत्वपूर्ण कारण यह है कि चीन के लगभग सभी युवा स्किल्ड हैं। वे अनुशासन विधि व्यवस्था का निष्ठापूर्वक पालन करते हैं। वे अपने कर्तव्यों का ईमानदारी पूर्वक निर्वहन भी करते हैं। दूसरी ओर भारत में इन बातों की अनदेखी की जाती है।
यात्रा के दौरान 200 युवाओं ने चीन में विभिन्न क्षेत्रों के लोगों, विशेषकर चीनी युवाओं से बातचीत की। दोनों देशों के युवाओं के बीच आवाजाही व आदान-प्रदान बढ़ाना इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य रहा। क्योंकि पूरे विश्व को आज युवाओं की जरूरत है, चीन और भारत में सबसे बड़ी आबादी युवाओं की है।
अपनी यात्रा में युवाओं को ग्लोबल सिटीजन बताते हुए नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) के महानिदेशक मेजर जनरल दिलावर सिंह ने कहा कि चीन और भारत एक-दूसरे से कई क्षेत्रों में सीख सकते हैं, युवाओं का आदान-प्रदान इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उधर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी युवाओं के लिए स्पीड, स्किल और स्केल तीन सिद्धातों की बात करते हैं। जो इस तरह के कार्यक्रमों से साकार हो सकता है।
एक रूप से देखा जाए तो आम जनता के बीच आवाजाही द्विपक्षीय संबंध का आधार और कूंजी है। इन आवाजाहियों का विस्तार और गहन करना आपसी समझ को मज़बूत करने का सबसे अच्छा तरीका है। दो देशों के बीच रिश्ते तभी मज़बूत होते हैं, जब लोग एक दूसरे के करीब आते हैं। और दो देशों के लोग करीब आएं, इसके लिए आपको कुछ ऐसा करना की जरूरत है। अगर आपको दो देशों को पास लाना है, तो हमें लोगों के बीच आदान-प्रदान करना चाहिए। यकीनन दोनों देशों के लोग एक दूसरे के करीब आएंगे, और लोग एक दूसरे के करीब आएंगे तो देश भी पास आएंगे। चीन और भारत की जनसंख्या बहुत ज्यादा है, संस्कृति भी बहुत विविध है। जिससे दोनों देशों के आम लोगों के बीच आवाजाही के लिये बहुत से मौके मौजूद हैं।
उधर दोनों देशों के बीच आवाजाही आगे बढ़ाने की पृष्ठभूमि में और मोदी की चीन यात्रा के दौरान दोनों देशों के नेतों के बीच आवाजाही में सहयोग मज़बूत करने की आम सहमति पहुंचने के अवसर पर दोनों देशों के युवाओं के बीच आदान-प्रदान विशेष महत्व रखता है। दोनों देशों के युवा प्रतिनिधि दलों का एक दूसरे देशों का दौरा करना सही अवसर प्रतित होता है। यह चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा पेश किया गया चीन-भारत के बीच व्यापक और बहुस्तरीय आवाजाही को आगे बढ़ाने वाले सुझाव का एक अच्छा कदम माना जा सकता है।
इस साल नवंबर में चीनी युवा प्रतिनिधि दल के 200 सदस्य भारत की यात्रा करेंगे। फिलहाल भारत सरकार के खेल मंत्रालय और चीन के ऑल चाईना यूथ लीग मिलकर इस यात्रा को सफल बनाने में जुटे हुए हैं।


भारत सरकार के खेल मंत्रालय की ओर से चीन में अगस्त में आयोजित युवा एक्सचेंज 2015 समारोह के तहत 200 भारतीय युवाओं ने 20 से 27 अगस्त तक चीन के कई शहरों का भ्रमण कर वहां की कार्यप्रणाली, साहित्य, संस्कृति आदि से रूबरू हुए। इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के सभ्याचार, अर्थव्यवस्था, परंपरा, संस्कृति और युवा लोगों की सोच के प्रति आपसी समझ मज़बूत करना था। युवा एक्सचेंज 2015 समारोह का आयोजन भारत सरकार के खेल मंत्रालय और चीन के ऑल चाईना यूथ लीग ने मिलकर किया।
इस 8 दिवसीय यात्रा के दौरान भारत सरकार खेल मंत्रालय के सचिव राजीव गुप्ता के नेतृत्व में भारत के विभिन्न प्रांतों से आए 200 युवाओं ने दो अलग-अलग ग्रुपों में चीन के पेइचिंग, हांगचो, शांगहाई, शीआन और क्वांगचो शहरों का सघण भ्रमण किया। इस दौरान उन्हें वहां की लाइफ स्टाइल, वर्किंग शैली, साफ-सफाई, शिक्षा, महिला सशक्तीकरण, कॉलेज स्कूल में शिक्षा प्रणाली आदि के बारे में जानकारी दी गई। युवाओं ने अनेक शहरों के विभिन्न यूनिवर्सिटी, ऐतिहासिक स्थलों, बड़ी-बड़ी कंपनियां, वॉलंटियर केंद्रों, उद्योग व कारखाने, ख्याति प्राप्त पयर्टन स्थल आदि देखा और व्यापक जानकारियां हासिल कीं। प्रतिनिधि दल में शामिल ज्यादातर सभी युवाओं का कहना था कि चीन आकर उन पर चीनी संस्कृति और चीनी समाज की गहरी छाप पड़ी है।
युवा दल में शामिल अंकुर कंठ ने बताया कि चीन के तेजी से विकास करने का एक महत्वपूर्ण कारण यह है कि चीन के लगभग सभी युवा स्किल्ड हैं। वे अनुशासन विधि व्यवस्था का निष्ठापूर्वक पालन करते हैं। वे अपने कर्तव्यों का ईमानदारी पूर्वक निर्वहन भी करते हैं। दूसरी ओर भारत में इन बातों की अनदेखी की जाती है।
यात्रा के दौरान 200 युवाओं ने चीन में विभिन्न क्षेत्रों के लोगों, विशेषकर चीनी युवाओं से बातचीत की। दोनों देशों के युवाओं के बीच आवाजाही व आदान-प्रदान बढ़ाना इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य रहा। क्योंकि पूरे विश्व को आज युवाओं की जरूरत है, चीन और भारत में सबसे बड़ी आबादी युवाओं की है।
अपनी यात्रा में युवाओं को ग्लोबल सिटीजन बताते हुए नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) के महानिदेशक मेजर जनरल दिलावर सिंह ने कहा कि चीन और भारत एक-दूसरे से कई क्षेत्रों में सीख सकते हैं, युवाओं का आदान-प्रदान इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उधर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी युवाओं के लिए स्पीड, स्किल और स्केल तीन सिद्धातों की बात करते हैं। जो इस तरह के कार्यक्रमों से साकार हो सकता है।
एक रूप से देखा जाए तो आम जनता के बीच आवाजाही द्विपक्षीय संबंध का आधार और कूंजी है। इन आवाजाहियों का विस्तार और गहन करना आपसी समझ को मज़बूत करने का सबसे अच्छा तरीका है। दो देशों के बीच रिश्ते तभी मज़बूत होते हैं, जब लोग एक दूसरे के करीब आते हैं। और दो देशों के लोग करीब आएं, इसके लिए आपको कुछ ऐसा करना की जरूरत है। अगर आपको दो देशों को पास लाना है, तो हमें लोगों के बीच आदान-प्रदान करना चाहिए। यकीनन दोनों देशों के लोग एक दूसरे के करीब आएंगे, और लोग एक दूसरे के करीब आएंगे तो देश भी पास आएंगे। चीन और भारत की जनसंख्या बहुत ज्यादा है, संस्कृति भी बहुत विविध है। जिससे दोनों देशों के आम लोगों के बीच आवाजाही के लिये बहुत से मौके मौजूद हैं।
उधर दोनों देशों के बीच आवाजाही आगे बढ़ाने की पृष्ठभूमि में और मोदी की चीन यात्रा के दौरान दोनों देशों के नेतों के बीच आवाजाही में सहयोग मज़बूत करने की आम सहमति पहुंचने के अवसर पर दोनों देशों के युवाओं के बीच आदान-प्रदान विशेष महत्व रखता है। दोनों देशों के युवा प्रतिनिधि दलों का एक दूसरे देशों का दौरा करना सही अवसर प्रतित होता है। यह चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा पेश किया गया चीन-भारत के बीच व्यापक और बहुस्तरीय आवाजाही को आगे बढ़ाने वाले सुझाव का एक अच्छा कदम माना जा सकता है।
इस साल नवंबर में चीनी युवा प्रतिनिधि दल के 200 सदस्य भारत की यात्रा करेंगे। फिलहाल भारत सरकार के खेल मंत्रालय और चीन के ऑल चाईना यूथ लीग मिलकर इस यात्रा को सफल बनाने में जुटे हुए हैं।

Friday, 22 May 2015

अजीत कुशवाहा को मिला विश्व सेवा रत्न पुरस्कार

विश्व सेवा परिषद् द्वारा दिनांक 15.05.2015 को डिप्टी स्पीकर हॉल कोन्स्टीट्यूशन क्लब आॅफ इन्डिया नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में अजीत कुशवाहा को विश्व सेवा रत्न पुरस्कार 2015 प्रदान किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नेपाल के पूर्व सांसद एवं विश्व सेवा परिषद् के नेपाल प्रमुख मा० भरत प्रसाद शाह एवं विशिष्ट अतिथि एडवोकेट उच्चतम न्यायालय मनीष कुमार शरण जी रहे। विश्व सेवा परिषद् के संस्थापक डा० बी० बी० राज ने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों जैसे सामाजिक कार्यों, चिकित्सा सेवाए, शिक्षा सेवाए, सांस्कृतिक क्षेत्र के साथ-2 समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रबुद्धजनों को यह पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं। अजीत कुशवाहा को यह पुरस्कार सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यो के लिए प्रदान किया गया। सम्पूर्ण विश्व से इस पुरस्कार के लिए 17 लोगों का चयन किया गया जिसमे उत्तर प्रदेश से अजीत का चयन किया गया। पुरस्कार स्वरूप अजीत को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह एवं शाॅल देकर सम्मनित किया गया।
                अजीत कुशवाहा श्री जय नरायण स्नातकोत्तर महाविद्यालय के०के०सी० लखनऊ से विधि के छात्र हैं जो समाज में बाल संरक्षण, वृक्षारोपण, गोमती सफाई, नशामुक्ति, एड्स. जागरूकता, रक्तदान, युवाओं के द्रष्टा स्वामी विवेकानन्द के विचारों पर गोष्ठियों का आयोजन, मतदाता जागरूकता, महिला हिंसा, बेटी बचाव अभियान, जल संरक्षण आदि कार्यक्रम कर रहे हैं। इससे पहले अजीत को युवा एवं खेल मन्त्रालय भारत सरकार द्वारा समाज में उत्कृष्ट कार्य हेतु राष्ट्रीय युवा पुरस्कार, मा० राष्ट्रपति द्वारा इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय एन०एस०एस० पुरस्कार 2012.13 एवं लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा स्वामी विवेकानंद पुरस्कार, मतदाता जागरूकता हेतु मुख्य निर्वाचन अधिकारी उ०प्र० द्वारा, गुडवर्क के लिए लखनऊ महोत्सव में जिलाधिकारी द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका हैं।

Monday, 16 February 2015

आगे बढ़ने के लिए लक्ष्य का निर्धारण जरुरी




अजीत कुशवाहा 
(राष्ट्रीय युवा पुरस्कार विजेता, भारत सरकार)

हीरालाल बालिका महाविद्यालय, लखनऊ के राष्ट्रीय सेवा योजना के विशेष शिविर में “स्वामी विवेकानन्द जी” की स्मृति में विवेकानन्द केन्द्र, कन्याकुमारी शाखा- लखनऊ द्वारा युवा-सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें “सफल युवा, सशक्त भारत” विषयक व्याख्यान के साथ-साथ व्यक्तित्व विकास पर भी चर्चा हुई| इस सम्मेलन का आयोजन विवेकानन्द केन्द्र, कन्याकुमारी शाखा- लखनऊ द्वारा किया गया। इस सम्मेलन में विवेकानन्द केन्द्र, कन्याकुमारी शाखा- लखनऊ के शिवपूजन सिंह, शोभिता दीदी ने विवेकानन्द जी की जीवन शैली, विवेकानन्द स्मारक के बारे में विस्तृत जानकारी दी एवं बताया कि सफल युवा के क्या गुण होने चाहिए, अच्छी सोंच, देशभक्ति, आत्मविश्वास, सकारात्मक सोंच, समर्पण भाव आदि के साथ युवा को आगे आकर अपने राष्ट्र को एक समृद्ध राष्ट्र की संज्ञा दे सकते हैं| इन अवसर पर राष्ट्रीय युवा पुरस्कार विजेता अजीत कुशवाहा ने बताया कि हम युवा धैर्य, आत्मविश्वास, साहस, सामाजिकता और निष्ठा के द्वारा ही अपने राष्ट्र एवं समाज को सफल व सशक्त बना सकते है क्योंकि युवा ही क्रांति को सूत्रपात करने में सक्षम है। पूर्व में जितने भी क्रांतियाँ हुई है चाहे वह राजनैतिक हो सामाजिक, आर्थिक हो आध्यात्मिक इनमें युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। एक युवा संयासी के रूप में भारतीय संस्कृति की सुगंध विदेशों में बिखरने वाले, साहित्य दर्शन और इतिहास के प्रकांड विद्वान अपनी ओज पूर्ण वाणी से लोगों के दिल को छू लेने वाले स्वामी विवेकानंद जी निःसंदेह विश्व गुरु थे | उनका मानना था कि नौजवान पीढ़ी अगर अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल देश की तरक्की में करें तो राष्ट्र को एक नये मुकाम तक पहुचाया जा सकता है इस कार्यक्रम में महाविद्यालय की कार्यक्रम अधिकारी डा० रीता ने संक्षिप्त में युवा सन्देश देकर कार्यक्रम की समीक्षा की|  इस अवसर पर विवेकानन्द युवा मण्डल के मनोज वर्मा, आयुष जायसवाल, प्रशान्त मिश्र सहित विश्वविद्यालय की छात्राएं उपस्थित थी|

Friday, 13 February 2015

युवा में व्यक्तित्व का विकास



अजीत कुमार (राष्ट्रीय युवा पुरस्कार विजेता)


व्यक्तित्व निर्माण का सर्वोत्तम गुण सेवाभावी होना है। बिना सेवा के मानव जीवन को व्यर्थ बताया गया है। सेवा अर्थात विश्वहित में अपनी समस्त उपलब्धियों (समय, श्रम, ज्ञान, प्रतिभा धन आदि श्रेष्ठ गुणों) को लगाना, जिससे दु:ख, पीड़ा-पतन, अभाव रोग शोक से ग्रसित समुदाय को राहत मिल सके। सेवाभाव युवाओं का स्वाभाविक गुण है, किसी भी सार्वजनिक आयोजनों में श्रममूलक कार्य युवा ही करता है। इससे जहाँ आपको आत्मिक शांति मिलती है वहीं सामने वाला हृदय से शुभकामना देता है। बड़ो का यह आशीर्वाद आपके व्यक्तित्व को निखारता है। अत: हर क्षण सेवा का अवसर तलासें, आप से जो निःस्वार्थ सहयोग हो सके प्रदान करें, कभी पीछे न हटें। सेवा कार्य के लिये किसी की प्रतीक्षा की आवश्यकता नहीं आप चाहें तो हर क्षण, हर जगह सेवा का अवसर खुला है। देखना यह है कि आपकी अपनी रूचि किस तरह की सेवा कार्य के लिये है। नजर दौड़ाकर देखेंगे तो अपने आसपास ही ढेरों कार्य दिख पड़ेंगे। इस प्रकार यदि आज का युवा वर्ग सेवाभाव को अपना स्वभाव का अंग बना ले तो हमारे राष्ट्र को सुखी राष्ट्र बनने से कोई नहीं रोक सकता। 

Wednesday, 4 February 2015

युवा वर्ग के आदर्श योद्धा स्वामी विवेकानन्द


अजीत कुमार

लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभाग में आयोजित “युवाओं के प्रेरणा स्रोत, युवा वर्ग के आदर्श योद्धा स्वामी विवेकानन्द जी” की स्मृति में युवा-सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें “सफल युवा, सशक्त भारत” विषयक व्याख्यान पर चर्चा हुई| इस सम्मेलन का आयोजन विवेकानन्द केन्द्र, कन्याकुमारी शाखा- लखनऊ द्वारा किया गया। इस सम्मेलन में कन्याकुमारी से आयी वक्ता बहन निवेदिता ने विवेकानन्द जी की जीवन शैली, विवेकानन्द स्मारक के बारे में विस्तृत जानकारी दी एवं बताया कि सफल युवा के क्या गुण होने चाहिए, अच्छी सोंच, देशभक्ति, आत्मविश्वास, सकारात्मक सोंच, समर्पण भाव आदि के साथ युवा को आगे आकर अपने राष्ट्र को एक समृद्ध राष्ट्र की संज्ञा दे सकते हैं| इन अवसर पर राष्ट्रीय युवा पुरस्कार विजेता अजीत कुशवाहा ने युवाओं को बताया कि हम युवा धैर्य, आत्मविश्वास, साहस, सामाजिकता और निष्ठा के द्वारा ही अपने राष्ट्र एवं समाज को सफल व सशक्त बना सकते है क्योंकि युवा ही क्रांति को सूत्रपात करने में सक्षम है। पूर्व में जितने भी क्रांतियाँ हुई है चाहे वह राजनैतिक हो सामाजिक, आर्थिक हो आध्यात्मिक इनमें युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। शिक्षाशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डा० मंजू बाला ने अपने वक्तव्य में बताया कि एक युवा संयासी के रूप में भारतीय संस्कृति की सुगंध विदेशों में बिखरने वाले, साहित्य दर्शन और इतिहास के प्रकांड विद्वान अपनी ओज पूर्ण वाणी से लोगों के दिल को छू लेने वाले स्वामी विवेकानंद जी निःसंदेह विश्व गुरु थे | उनका मानना था कि नौजवान पीढ़ी अगर अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल देश की तरक्की में करें तो राष्ट्र को एक नये मुकाम तक पहुचाया जा सकता है इस कार्यक्रम में लखनऊ विश्वविद्यालय की हिंदी विभाग की डा० अल्का ने संक्षिप्त में युवा सन्देश देकर कार्यक्रम की समीक्षा की|  इस अवसर पर विवेकानन्द केन्द्र, कन्याकुमारी शाखा- लखनऊ के समन्वयक अश्वनी राय, शिवपूजन सिंह, आयुष जायसवाल, प्रशान्त मिश्र सहित विश्वविद्यालय के कई विभागों के शिक्षको के साथ-साथ अन्य महाविद्यालयों जे०एन०पी०जी० कॉलेज, नेशनल कॉलेज, गुरुनानक, नवयुग कॉलेज के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे|

Sunday, 18 January 2015

AJIT KUSHWAHA


उत्तर प्रदेश का गौरव बने लखनऊ के अजीत कुशवाहा




             लखनऊ, युवाओं की दुनिया 

   युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार के राष्ट्रीय युवा और किशोर विकास कार्यक्रम योजना के अंतर्गत विकास कार्यकलापों, सामाजिक सेवा के विभिन्न क्षेत्रों, समुदाय एवं युवाओं हेतु उत्कृष्ट कार्य के लिए सन 1985 से हर वर्ष राष्ट्रीय युवा पुरस्कार युवा दिवस (स्वामी विवेकानन्द जयन्ती) के अवसर पर प्रदान किये जाते हैं ताकि सम्मानित युवा प्रोत्साहित होकर भविष्य में दूसरों के लिए उदाहरण एवं उत्प्रेरक बनें| इस पुरस्कार में सिल्वर मेडल, प्रमाण-पत्र एवं 40,000/- रूपये की धनराशि प्रदान की जाती है| इस वर्ष उत्तर-प्रदेश से लखनऊ के अजीत कुशवाहा को उनके सामाजिक कृतित्व, व्यक्तित्व एवं समाज के प्रति उत्कृष्ट निःस्वार्थ योगदान को मान्यता प्रदान करते हुए वर्ष 2013-14 के राष्ट्रीय युवा पुरस्कार के लिए चयन किया गया| गुवाहाटी, असम में आयोजित राष्ट्रीय युवा महोत्सव में मुख्य अतिथि केन्द्रीय गृह मन्त्री राजनाथ सिंह, केन्द्रीय खेल मन्त्री सर्वानन्द सोनोवाल, सूचना एवं प्रसारण राज्यमन्त्री कर्नल राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़, असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई, सचिव युवा कार्यक्रम एवं खेल मन्त्रालय राजीव गुप्ता, मुक्केबाज मैरीकॉम एवं बैडमिन्टन खिलाडी ज्वाला गुट्टा की उपस्थिति में देश के स्टार पहलवान सुशील कुमार ने अजीत को मेडल पहनाकर प्रमाणपत्र प्रदान दिया|

अजीत कुशवाहा, लखनऊ जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान, लखनऊ एवं श्री जय नरायण स्नातकोत्तर महाविद्यालय, (के०के०सी०) लखनऊ से विधि के छात्र हैं जो समाज में वृक्षारोपण, गोमती सफाई, नशामुक्ति, एड्स- जागरूकता, रक्तदान, युवाओं के द्रष्टा स्वामी विवेकानन्द के विचारों पर गोष्ठियों का आयोजन, मतदाता जागरूकता, महिला हिंसा, बेटी बचाव अभियान, जल संरक्षण आदि कार्यक्रम कर रहे हैं| अजीत भारत के राष्ट्रीय युवा पुरस्कार पाने वाले 28 युवाओं में सबसे कम उम्र के है, इससे पहले अजीत को युवा एवं खेल मन्त्रालय, भारत सरकार द्वारा समाज में उत्कृष्ट कार्य हेतु इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय एन०एस०एस० पुरस्कार 2012-13 राष्ट्रपति द्वारा एवं लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा स्वामी विवेकानंद पुरस्कार, मतदाता जागरूकता हेतु मुख्य निर्वाचन अधिकारी उ०प्र० द्वारा, गुडवर्क के लिए लखनऊ महोत्सव में जिलाधिकारी द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है| जिला युवा कल्याण अधिकारी लखनऊ सी0पी0 सिंह ने बताया कि अजीत को पुरस्कार का मिलना युवा कल्याण विभाग सहित उत्तर प्रदेश के लिए गर्व की बात है, युवा पुरस्कार हेतु लखनऊ से अजीत का प्रस्ताव युवा कल्याण विभाग, जनपद लखनऊ द्वारा प्रेषित किया गया जो भारत सरकार को प्रदेश की तरफ से प्रस्ताव सचिव, युवा कल्याण द्वारा प्रेषित किया गया था| महानिदेशक, युवा कल्याण ऊ०प्र० श्री सुरेश कुमार सिंह (IAS) एवं सीडीओ योगेश कुमार, प्राचार्य डा० एस० डी० शर्मा, राज्य सम्पर्क अधिकारी एन०एस०एस० श्री अंशुमाली शर्मा एवं निदेशक, लखनऊ जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान, लखनऊ श्री अशोक सिन्हा ने बधाई दी और इन्हे प्रदेश के युवाओं का आइकन बताया|